The Maha Kumbh Mela (the festival of the sacred pitcher) is anchored in Hindu mythology. It is the world’s largest public gathering and collective act of faith. This congregation, primarily, includes Ascetics, Saints, Sadhus, Sadhvis, Kalpvasis and Pilgrims from all walks of life.

Kumbh Mela, in Hinduism, is a religious pilgrimage that is celebrated four times over a course of 12 years. The geographical location of Kumbh Mela spans over four locations in India and the Mela site keeps rotating between one of the four pilgrimages on four sacred rivers as listed below:

  • In Haridwar, Uttarakhand, on the banks of Ganges
  • In Ujjain, Madhya Pradesh on the banks of Shipra
  • In Nashik, Maharashtra on the banks of Godavari
  • In Prayagraj, Uttar Pradesh, at the confluence of the Ganges, the Yamuna, and the mythical invisible Sarasvati

Each site’s celebration is based on a distinct set of astrological positions of the Sun, the Moon, and the Jupiter. The celebrations occur at the exact moment when these positions are fully occupied, as it is considered to be the holiest time in Hinduism. The Kumbh Mela is an event that intrinsically encapsulates the science of astronomy, astrology, spirituality, ritualistic traditions, and socio-cultural customs and practices, making it extremely rich in knowledge.

Pilgrims to the Kumbh Mela come from all sections of the religion ranging from Sadhus (saints) and Naga Sadhus who practice ‘sadhana’ and keenly follow a strict path of spiritual discipline, to Hermits who leave their seclusion and come to visit the civilization only during the Kumbh Mela, to seekers of spirituality, and to common people practicing Hinduism.

During the Kumbh Mela, a number of ceremonies take place; the traditional procession of Akharas called ‘Peshwai’ on elephant backs, horses and chariots, the shining swords and rituals of Naga Sadhus during ‘Shahi Snaan’, and many other cultural activities that attract millions of pilgrims to attend the Kumbh Mela.


The Maha Kumbh Mela is a grand assembly of rituals, with the bathing ceremony reigning supreme as the most significant of them all. At the Triveni Sangam, millions of pilgrims come together to partake in this sacred practice. It is firmly rooted in the belief that by immersing oneself in the holy waters, one can cleanse themselves of all sins, liberate both themselves and their ancestors from the cycle of rebirth, and ultimately attain Moksha, or spiritual liberation.

Paush Purnima

13

January 2025

Makar Sankranti

14

January 2025

Mauni Amavasya

29

January 2025

Basant Panchami

03

February 2025

Maghi Purnima

12

February 2025

Maha Shivaratri

26

February 2025

In addition to the bathing ritual, pilgrims also engage in worship along the banks of the sacred river and actively participate in enlightening discourses led by various sadhus and saints.

While it is considered sacred to take a dip in the holy waters throughout the Prayagraj Maha Kumbh, beginning from the auspicious occasion of Paush Purnima, there are specific dates that hold special significance. These dates witness magnificent processions featuring saints, their disciples, and members of various Akharas (religious orders). They partake in the grand ritual known as Shahi Snan, also referred to as ‘Rajyogi Snan,’ marking the commencement of the Maha Kumbh Mela. Shahi Snan stands as the central highlight of the Kumbh Mela and represents the pinnacle of the celebration. This tradition stems from the belief that by doing so, people receive the added blessings of the virtuous deeds and profound wisdom of the saints who have preceded them in the sacred waters.


Prayagraj Mela Authority, Parade Ground,
Daraganj, Prayagraj, Uttar Pradesh – 211006
0532-2504011, 0532-2500775 | info.mahakumbh25@gmail.com




—————- Some of Shorts at Kaalasya —————-


महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज में ठहरने के कई विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें टेंट सिटीहोटलधर्मशालाएँ, और होमस्टे शामिलहैं।

  1. टेंट सिटी

प्रशासन द्वारा संगम क्षेत्र के पास टेंट सिटी स्थापित की गई है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए लगभग 25,000 टेंट उपलब्ध हैं। ये टेंट विभिन्न श्रेणियोंमें विभाजित हैं, ताकि सभी प्रकार के यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

श्रेणीटेंट्स की संख्याप्रति दिन किराया (रुपये)
बेसिक टेंट10,000+₹2,000 – ₹5,000
डीलक्स टेंट8,000+₹5,000 – ₹10,000
लक्सरी टेंटलगभग 5,000₹10,000 – ₹20,000+

विशेषताएँ:

  • इन टेंट्स में बेड, लाइटिंग, साफ-सफाई और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं।
  • लक्सरी टेंट्स में एसी, अटैच्ड वॉशरूम और बेहतर सेवाएँ मिलती हैं।

बुकिंग प्रक्रिया:

  1. होटल्स और होमस्टे

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज और आसपास के क्षेत्र में होटल्स और होमस्टे की व्यापक रेंज उपलब्ध है।

  • होटल्स की रेंज: ₹1,000 से ₹50,000 प्रति रात (फैसिलिटीज के अनुसार)
  • होमस्टे: ₹500 से ₹5,000 प्रति रात (स्थानीय अनुभव के लिए अच्छा विकल्प)

बुकिंग प्लेटफॉर्म्स:

  • प्रमुख होटल बुकिंग साइट्स: MakeMyTrip, Booking.com, Yatra, OYO आदि।
  1. धर्मशालाएँ और आश्रम
  • प्रयागराज में कई धार्मिक संगठनों द्वारा संचालित धर्मशालाएँ और आश्रम उपलब्ध हैं।
  • ये सस्ती और धार्मिक वातावरण में ठहरने के लिए उपयुक्त हैं।
  • किराया: ₹300 से ₹1,500 प्रति रात

ध्यान दें:

  • धर्मशालाओं की बुकिंग पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होती है।
  • महाकुंभ के दौरान इनकी मांग अधिक रहती है, इसलिए जल्दी बुकिंग करें।

महत्वपूर्ण सुझाव:

  1. अग्रिमबुकिंगकरें:
    • महाकुंभ के दौरान भीड़ को देखते हुए ठहरने की जगहें जल्दी भर जाती हैं।
  2. ऑनलाइनबुकिंगप्लेटफॉर्म्सकाउपयोगकरें:
    • सुनिश्चित करें कि आप आधिकारिक वेबसाइट्स या विश्वसनीय एजेंसियों से बुकिंग कर रहे हैं।
  3. प्राथमिकताकेआधारपरयोजनाबनाएं:
    • अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार विकल्प चुनें।

यह जानकारी आपकी यात्रा को सहज और आरामदायक बनाने में मदद करेगी। महाकुंभ 2025 का यह अनुभव आपके जीवन का एकअविस्मरणीय हिस्सा बनेगा।

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में ठहरने के कई प्रकार के विकल्प उपलब्ध हैं। ये विकल्प बजट, आवश्यकता, और सुविधा के अनुसार चुने जासकते हैं।

1. होटल्स

प्रयागराज में 150 से अधिक होटल उपलब्ध हैं, जिनमें बजट होटल्स से लेकर लक्ज़री होटल्स तक शामिल हैं।

प्रमुख होटल्स और उनके पते:

  • होटल प्रयागराज रीजेंसी | पता: 16, तोशे कंठ मार्ग, प्रयागराज
  • होटल अजंया इंटरनेशनल | पता: सिविल लाइंस, प्रयागराज
  • होटल तिरुपति पैलेस | पता: सिविल लाइंस, प्रयागराज
  • होटल प्रयागराज स्टेची रोड | पता: 22/1 स्टेची रोड, सिविल लाइंस, प्रयागराज

किराया:

  • बजट होटल्स – ₹1,000 – ₹3,000
  • मिड-रेंज होटल्स – ₹3,000 – ₹7,000
  • लक्ज़री होटल्स – ₹7,000 – ₹15,000+

नोट: महाकुंभ के दौरान मांग बढ़ने से किराए में वृद्धि हो सकती है। अग्रिम बुकिंग करें।

2. धर्मशालाएँ और आश्रम

प्रयागराज में लगभग 50 से अधिक धर्मशालाएँ हैं, जो तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक और सस्ते आवास प्रदान करती हैं।

प्रमुख धर्मशालाएँ और पते:

  • जैन धर्मशाला: त्रिपोलिया, दारागंज, प्रयागराज
  • मध्वा पेठ आश्रम: मीरा गली, दारागंज, प्रयागराज
  • बंगड़ धर्मशाला: जीटी रोड, प्रयागराज
  • श्री शारदा पीठम: माधवपुर, प्रयागराज

किराया: ₹500 – ₹2,000 प्रति दिन

नोट: धर्मशालाओं में बुकिंग पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होती है। भीड़भाड़ से बचने के लिए जल्दी बुकिंग करें।

3. होमस्टे

प्रयागराज में सीमित होमस्टे विकल्प उपलब्ध हैं। स्थानीय लोग महाकुंभ के दौरान अपने घर के कमरे किराए पर देते हैं, जहाँ घर जैसा माहौलमिलता है।

प्रमुख होमस्टे और किराया:

  • प्रीटी कोठी
  • किंग्स जूनियर गेस्ट हाउस

किराया: ₹1,000 – ₹4,000 प्रति दिन

नोट: केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही बुकिंग करें।

4. विशेष सुझाव:

  • अग्रिम बुकिंग करें: महाकुंभ के दौरान भीड़ अधिक होती है, जिससे ठहरने की जगह जल्दी भर सकती हैं।
  • ध्यान रखें: बुकिंग करते समय किराए और सुविधाओं की जानकारी की पुष्टि करें।
  • सार्वजनिक परिवहन: ठहरने की जगहों से संगम और प्रमुख स्थलों तक पहुँचने के लिए पर्याप्त परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करें।

यह जानकारी आपकी महाकुंभ यात्रा को सहज, सुर


पीने का साफ पानी और पौष्टिक खाना:

  • पानी की बोतल साथ रखें:
  • केवल सरकारी या मान्यता प्राप्त स्टॉल से पानी खरीदें।
  • पानी पीने के लिए साफ बॉटल का उपयोग करें।
  • हल्का और पौष्टिक खाना:
  • मिक्स्ड बिस्किट्स, ड्राई फ्रूट्स और नमकीन जैसे स्नैक्स रखें।

खोया-पाया केंद्र:

  • डिजिटल खोया-पाया केंद्र: मेला क्षेत्र में प्रशासन ने 10 डिजिटल केंद्र स्थापित किए हैं।
  • हेल्पलाइन नंबर: सहायता के लिए 1920 हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
  • AI कैमरा सिस्टम: मेला क्षेत्र में AI कैमरे लगाए गए हैं, जो चेहरों की पहचान और भीड़ प्रबंधन में सहायक हैं।
  • मसीबत के समय: पास के पुलिसकर्मी या वॉलंटियर से मदद लें।
  • खोया-पाया केंद्र पर जाकर अनाउंसमेंट कराएं।

कपड़े और जूते:

  • मौसम के अनुसार कपड़े:
  • सर्दी में गर्म कपड़े, मोज़े, दस्ताने और टोपी साथ रखें।
  • गर्मी में हल्के कपड़े, छतरी और सनस्क्रीन का उपयोग करें।
  • आरामदायक जूते:
  • पैदल चलने के लिए टिकाऊ और आरामदायक जूते पहनें।

प्राथमिक चिकित्सा किट और दवाइयाँ:

  • बुखार: पेरासिटामोल (500 Mg)
  • पेट दर्द और एसिडिटी: पैंटोप्राजोल (40 Mg), ओमेप्राजोल (20 Mg)
  • डायरिया: ORS, लोपरामाइड (2 Mg)
  • सर्दी-खांसी: सेटिरिजिन (10 Mg), कफ सिरप
  • चोट लगने पर: सोफ्रामाइसिन, बैंडेज
  • मांसपेशियों का दर्द: ट्रामाडोल

भीड़ से बचाव:

  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बचें और सुरक्षा बैरिकेड्स का पालन करें।
  • मेला के नक्शे का उपयोग करें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

प्रतिबंधित क्षेत्रों में न जाएं:

  • प्रशासन भीड़ के कारण कुछ क्षेत्रों को बंद कर सकता है।
  • सुरक्षा बैरिकेड्स पार न करें।

संदिग्ध व्यक्तियों से सावधान रहें:

  • अनजान व्यक्तियों पर भरोसा न करें।
  • दलालों और ठगों से बचें।

दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न करें:

  • ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्धारित मार्ग और पार्किंग स्थान का पालन करें।
  • जाम और अव्यवस्था से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

अपना सामान लावारिस न छोड़ें:

  • मोबाइल, पर्स और गहने संभालकर रखें।
  • बैग और अन्य सामान सुरक्षित स्थान पर रखें।

न करने योग्य


  • टेन्ट में पेट्रोल, किरोसिन, डीजल, गैस, मोमबत्ती, लकड़ी आदि जैसी ज्वलनशील सामग्रियों को अधिक मात्रा में न रखें।
  • पण्डालों और तम्बुओं में लीक गैस का उपयोग न करें और गैस सिलेंडर को जमीन में न फिक्स करें।
  • पण्डाल बनाने के लिए प्लास्टिक और सिंथेटिक कपड़े कभी न उपयोग करें।
  • पण्डाल और तम्बुओं में खुली आग, जलता हुआ चूल्हा और हवन-कुण्ड का उपयोग न करें।
  • पण्डालों में खुले और कटे हुए इलेक्ट्रॉनिक तार का उपयोग न करें और हीटर या किसी अतिभारित इलेक्ट्रिक उपकरण काउपयोग न करें।
  • मेला क्षेत्र में बीड़ी, सिगरेट आदि का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है।
  • जलने वाली लैंप, चिराग या खुली आग को लेकर कैंप/टेन्ट में न टहले।
  • आग या चूल्हे को खुले में न छोड़े।
  • हवन कुण्ड, चूल्हा या आग के पास बैठते समय सिंथेटिक या रेशम के बने कपड़े पहनने से बचें।
  • जहाँ से आसानी से बाहर न निकल सके, उस स्थान पर न जाएँ।
  • पानी पाइपलाइन और अग्नि सुरक्षा के लिए स्थापित अग्निशमन उपकरणों को क्षति न पहुँचाये।
  • भीड़ में शामिल न हों; आपातकालीन वाहनों के गति को न बाधित करें।
  • अपनी गाड़ियों को सड़क के बीच में पार्क न करें। इससे अपेक्षित सहायता आपकी जगह पहुँचने में देरी हो सकती है।
  • कभी भी आपातकालीन सड़कों को न बंद करें।
  • आग की सूचना देते समय अधिकतम शान्ति बनाये रखें।
  • अग्निशमन विभाग के काम में हस्तक्षेप न करें।
  • आपकी जागरूकता और सतर्कता ही आपकी मुख्य सुरक्षा हैं।

पुलिस एवं आकस्मिक हेतु सेवा मानव शक्ति

पुलिस एवं आकस्मिक हेतु सेवा मानव शक्ति महाकुम्भ मेला 2025 के लिए एक बड़ी मानवशक्ति नियोजित की जायेगी।

सिविलपुलिस, यातायात पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र बल, जल पुलिस, चौकीदार एवं होमगार्डस् के पर्याप्त बलों कोनियोजित किया जाएगा।

करने योग्य

  • आग और आपात स्थिति में, 100 / 1920/ 101 पर मेला नियंत्रण और अग्निशमन विभाग को तुरंत कॉल करें।
  • आग के मामले में, आस-पास के लोगों / तम्बुओं को बचाने एवं सुरक्षित करने के लिए अलर्ट के रूप में आवाज़ / चिल्लाने का निर्देश दें।
  • आपातकालीन स्थिति में शांत रहें और ध्यान से काम करें, निकटस्थ अग्निनाशक उपकरण का उपयोग करके सुरक्षित दूरीबनाकर और खुद को खतरे में न डालते हुए, आग बुझाने का प्रयास करें।
  • हमेशा आपातकालीन स्थिति में अपने निकटतम बाहर निकासी मार्गों को पहचानने और याद करने का प्रयास करें और उन्हेंआपातकालीन स्थिति में उपयोग करें।
  • सभी सार्वजनिक घोषणाओं पर ध्यान दें और हमेशा सतर्क रहें।
  • अपने अग्निशमन उपकरणों के उपयोग के बारे में अच्छे से जानें जिससे कि आग के मामले में इसका सही उपयोग किया जासके।
  • में पर्याप्त मात्रा में रेत और पानी रखें, ताकि आवश्कयता के समय उसका आग लगने पर बुझाने के लिए उपयोग किया जासके।
  • पण्डाल / तम्बुओं में आग लगी हो तो व्यक्तियों / बच्चों को जल्द से जल्द निकालने का प्रयास करें और तुरंत ही पण्डाल / तम्बुओं को स्थिर रखने वाली रस्सियाँ काट दें। आग को आगे फैलने से रोकने के लिए पण्डाल / तम्बू से निकटस्थ पण्डाल यातम्बू को तत्काल हटा दे।

प्रयागराज कुंभ 2025 के लिए प्रमुख शहरों से हवाई कनेक्टिविटी

प्रयागराज हवाई अड्डा शहर से 13 कि.मी. की दूरी पर बमरौली में स्थित है। यह भारत के विभिन्न शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआहै। प्रयागराज हवाई अड्डा प्रमुख भारतीय शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, कोलकाता और हैदराबाद से नियमित उड़ानें प्रदानकरता है।

प्रयागराज के आसपास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे

  • प्रयागराज हवाई अड्डा, प्रयागराजलगभग 54 मिनट
  • लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसीलगभग 2 घंटे 22 मिनट
  • कानपुर सिविल एयरपोर्टलगभग 3 घंटे 46 मिनट
  • चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लखनऊलगभग 4 घंटे 53 मिनट
  • महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्या लगभग 4 घंटे
  • महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डा, गोरखपुरलगभग 6.5 घंटे

महाकुंभ के दौरान, प्रयागराज तक पहुँचने के लिए कई प्रमुख शहरों से डायरेक्ट और कनेक्टिंग फ्लाइट्स उपलब्ध हैं। यहां नौ प्रमुखशहरों से फ्लाइट्स की सूची दी गई है:

शहरफ्लाइट प्रकारप्रस्थान समयआगमन समय
दिल्लीडायरेक्ट1:15 PM2:40 PM
मुंबईडायरेक्ट10:45 AM12:55 PM
मुंबईडायरेक्ट1:15 PM3:25 PM
अहमदाबादकनेक्टिंग (वाया लखनऊ)11:20 AM3:15 PM
लखनऊडायरेक्ट2:25 PM3:15 PM
भोपालकनेक्टिंग (वाया रायपुर)11:35 AM3:00 PM
रायपुरडायरेक्ट1:25 PM3:00 PM
चेन्नईकनेक्टिंग (वाया बेंगलुरु)11:00 PM9:15 AM (अगले दिन)
बेंगलुरुडायरेक्ट6:25 AM9:15 AM
बेंगलुरुडायरेक्ट10:20 AM12:45 PM
कोलकाताडायरेक्ट4:10 PM5:40 PM

प्रयागराज शहर भारतीय रेल तंत्र के माध्यम से भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज में निम्नलिखित 8 रेलवेस्टेशन है :

  • प्रयागराज जंक्शन (PRYJ)
  • प्रयागराज रामबाग (PRRB)
  • प्रयागराज संगम (PYG)
  • प्रयाग जंक्शन (PRJ)
  • नैनी जंक्शन (NYN)
  • प्रयागराज छिवकी (PCOI)
  • फाफामऊ जंक्शन (PFM)
  • झूँसी (JI)
  • सूबेदारगंज (SFG)

आई.आर.सी.टी.सीवेबसाइट के माध्यम से सभी गंतव्यों के लिए ट्रेनों की बुकिंग की जा सकती है।

प्रयागराज की कनेक्टिविटी और स्टेशन जानकार

प्रयागराज जिले में कुल 9 रेलवे स्टेशन हैं, जिनसे रोज़ाना लगभग 500 ट्रेनें गुजरती हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए सभी प्रमुख स्टेशनों पर टिकटबुकिंग उपलब्ध है। आप अपनी यात्रा के अनुसार किसी भी स्टेशन के लिए टिकट बुक करा सकते हैं।

प्रयागराज के प्रमुख स्टेशन और संगम से उनकी दूरी

स्टेशन का नामसंगम से दूरी
दरस्सी स्टेशन4 किमी
प्रयागराज संगम स्टेशन6 किमी
प्रयागराज रामबाग स्टेशन8 किमी
प्रयाग जंक्शन9 किमी
प्रयागराज जंक्शन10 किमी
प्रयागराज छिवकी स्टेशन15 किमी
सुबरावज स्टेशन16 किमी
फाफामऊ स्टेशन24 किमी

यह जानकारी यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए सही स्टेशन चुनने में मदद करेगी।

प्रयागराज का रेल नेटवर्क और प्रमुख शहरों से कनेक्टिविट

प्रयागराज भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण रेल हब में से एक है और यह देश के 10 प्रमुख शहरों से सीधी ट्रेनों से जुड़ा हुआ है। नीचे इन शहरों सेप्रयागराज आने वाली ट्रेनों और उनके समय की जानकारी दी गई है:

शहरट्रेन का नामप्रस्थान समयआगमन समय (प्रयागराज)
दिल्लीप्रयागराज एक्सप्रेस10:00 PM6:30 AM
मुंबईमुम्बई-प्रयागराज सुपरफास्ट8:00 PM2:30 PM (अगले दिन)
कोलकाताहावड़ा-प्रयागराज मेल6:00 PM7:00 AM (अगले दिन)
चेन्नईचेन्नई-प्रयागराज गंगा कावेरी एक्सप्रेस5:00 PM9:00 AM (तीसरे दिन)
हैदराबादहैदराबाद-प्रयागराज एक्सप्रेस3:00 PM10:00 AM (अगले दिन)
अहमदाबादअहमदाबाद-प्रयागराज एक्सप्रेस7:00 PM4:00 PM (अगले दिन)
जयपुरजयपुर-प्रयागराज एक्सप्रेस8:30 PM7:00 AM
लखनऊलखनऊ-प्रयागराज इंटरसिटी6:30 AM10:00 AM
भोपालभोपाल-प्रयागराज एक्सप्रेस9:00 PM6:00 AM
पुणेपुणे-प्रयागराज एक्सप्रेस4:00 PM9:00 PM (अगले दिन)

नोट्स:

  1. यह समय नियमित ट्रेनों का है, शाही स्नान के दौरान विशेष ट्रेनों का संचालन भी किया जा सकता है।
  2. यात्रा से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर समय और उपलब्धता की पुष्टि करें।
  3. प्रयागराज जंक्शन और संगम स्टेशन महाकुंभ के दौरान सबसे व्यस्त स्टेशन होंगे, इसलिए टिकट और योजना समय से पहले बनाएं।

यह जानकारी यात्रियों को प्रयागराज के महाकुंभ 2025 के लिए अपनी यात्रा बेहतर तरीके से योजना बनाने में मदद करेगी।

स्पेशल ट्रेनेंमहाकुंभ 2025

महाकुंभ 2025 के दौरान भारी भीड़ और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, 12 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक लगभग 992 स्पेशलट्रेनेंचलाने की योजना है। ये ट्रेनें महाकुंभ के विभिन्न प्रमुख स्नान तिथियों के आसपास यात्रियों को सुगम यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगी।

यात्रा से पहले ध्यान रखने योग्य बातें:

  1. स्पेशलट्रेनकाशेड्यूलचेककरें
    • यात्रा की योजना बनाते समय स्पेशल ट्रेनों के समय और मार्ग की पुष्टि रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट, ऐप या नजदीकी रेलवेस्टेशन पर करें।
    • ट्रेनों के समय और मार्ग में बदलाव संभव है।
  2. अग्रिमटिकटबुकिंग
    • भीड़भाड़ से बचने और सीट सुनिश्चित करने के लिए टिकट समय से पहले बुक कर लें।
  3. महाकुंभरेलवेहेल्पलाइन
    • किसी भी जानकारी या सहायता के लिए रेलवे टोल फ्री नंबर: 1800 4199 139 पर संपर्क करें।

महाकुंभ के दौरान रेलवे की ओर से यात्रियों को अधिकतम सुविधा और बेहतर यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा। अपनीयात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए सभी निर्देशों का पालन करें।

महाकुंभ मेला 2025: यात्रा प्रतिबंध और दिशानिर्दे

महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुचारू प्रबंधन के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ विशेष प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। येप्रतिबंध शाही स्नान से एक दिन पहले शुरू होकर दो दिन बाद तक प्रभावी रहेंगे।

प्रतिबंध लागू होने की अवधि और कारण

प्रतिबंध अवधिशाही स्नान तिथिशाही स्नान का कारण
12 से 16 जनवरी 202514 जनवरी 2025पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति का शाही स्नान
28 से 31 जनवरी 202529 जनवरी 2025मौनी अमावस्या का शाही स्नान
02 से 05 फरवरी 202503 फरवरी 2025बसंत पंचमी का शाही स्नान
11 से 14 फरवरी 202512 फरवरी 2025माघ पूर्णिमा का शाही स्नान
25 से 28 फरवरी 202526 फरवरी 2025महाशिवरात्रि का शाही स्नान

प्रतिबंध क्यों लगाए जाएंगे?

  1. भारीभीड़कोनियंत्रितकरना
    • शाही स्नान के दिनों में लाखों श्रद्धालु रेलवे स्टेशनों पर आते हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष उपाय आवश्यक हैं।
  2. यात्रियोंकीसुरक्षासुनिश्चितकरना
    • स्टेशन परिसरों में भीड़भाड़ के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अव्यवस्था को रोकने के लिए यह कदम उठाया जाता है।
  3. आवागमनमेंसुगमता
    • प्लेटफॉर्म और ट्रेन संचालन को व्यवस्थित रखने के लिए यातायात प्रतिबंध लगाए जाते हैं।

यात्रियों के लिए सुझाव

  • अपनी यात्रा की योजना इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए बनाएं।
  • भीड़भाड़ वाले दिनों में समय पर स्टेशन पहुंचें और रेलवे के निर्देशों का पालन करें।
  • रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर 1800 4199 139 पर संपर्क कर अपडेट प्राप्त करें।

शाही स्नान के दौरान यह प्रतिबंध यात्रियों की सुरक्षा और कुंभ मेले के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए हैं। आपकी सहयोग औरसतर्कता इस भव्य आयोजन को सुरक्षित और स्मरणीय बनाने में सहायक होगी।

प्रयागराज भारत के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां आप अपनी निजी गाड़ी या सार्वजनिक बस से आसानीसे पहुँच सकते हैं। नीचे प्रमुख शहरों से प्रयागराज तक की दूरी और यात्रा का समय दिया गया है:

शहरदूरी (किमी)यात्रा का समय
लखनऊ200लगभग 5 घंटे
आगरा500लगभग 8 घंटे
गोरखपुर300लगभग 7 घंटे
अयोध्या170लगभग 4 घंटे
वाराणसी120लगभग 3 घंटे
रायपुर600लगभग 13 घंटे
रांची550लगभग 12 घंटे
पटना400लगभग 8 घंटे
दिल्ली700लगभग 11 घंटे
मुंबई1400लगभग 23 घंटे
जयपुर700लगभग 13 घंटे
अहमदाबाद1300लगभग 21 घंटे
इंदौर900लगभग 16 घंटे
भोपाल700लगभग 12 घंटे
चंडीगढ़900लगभग 15 घंटे

बस

प्रयागराज शहर सड़क परिवहन हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्ग तंत्र से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य संचालित बसें सम्पूर्ण देशमें कई बड़े स्थानों से उपलब्ध हैं। यू.पी.एस.आर.टी.सी. (उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम) से बसों की बुकिंग की जा सकतीहै। कई निजी संचालक भी बड़े शहरों के लिए निजी बसों का संचालन करते हैं।

प्रयागराज के प्रमुख बस अड्डे

  • प्रयागराज बस अड्डा
  • कचहरी बस अड्डा

प्रयागराज में अस्थायी बस स्टेशन

  • झूंसी
  • सरस्वती द्वार
  • बेली/बेला कछार
  • नेहरू पार्क
  • सरस्वती हाई-टेक सिटी
  • कुष्ठ

राज्य बस परिवहन

  • दिल्ली: दिल्ली से प्रयागराज के लिए बसें नियमित रूप से चलती हैं
  • वाराणसी: प्रयागराज और वाराणसी के बीच सीधे बसें उपलब्ध हैं
  • लखनऊ: राज्य राजधानी और प्रयागराज के बीच कई दैनिक बस सेवाएँ उपलब्ध हैं
  • कानपुर, झाँसी और अन्य निकटवर्ती शहर: आसान कनेक्टिविटी के लिए नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं

यात्रा के लिए सुझाव:

  1. सार्वजनिक बस सेवा:
    प्रयागराज के लिए नियमित अंतरराज्यीय बसें यूपी रोडवेज और अन्य राज्यों की बस सेवाओं के माध्यम से उपलब्ध हैं।
  2. स्वयं की गाड़ी:
    यदि आप अपनी गाड़ी से यात्रा कर रहे हैं, तो राष्ट्रीय राजमार्ग (NH19, NH30) और राज्य राजमार्गों का उपयोग कर सकते हैं।
  3. यात्रासेपहलेयोजना:
    • सड़क की स्थिति और ट्रैफिक अपडेट की जांच करें।
    • महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ और यातायात प्रतिबंधों को ध्यान में रखें।
  4. महत्वपूर्ण संपर्क:
    यदि यात्रा के दौरान कोई सहायता चाहिए, तो संबंधित राज्य परिवहन विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

यह जानकारी आपकी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाएगी। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की यात्रा एक अद्भुत अनुभव होगा।


महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुचारू प्रबंधन के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ विशेष प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। येप्रतिबंध शाही स्नान से एक दिन पहले शुरू होकर दो दिन बाद तक प्रभावी रहेंगे।

प्रतिबंध लागू होने की अवधि और कारण

प्रतिबंध अवधिशाही स्नान तिथिशाही स्नान का कारण
12 से 16 जनवरी 202514 जनवरी 2025पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति का शाही स्नान
28 से 31 जनवरी 202529 जनवरी 2025मौनी अमावस्या का शाही स्नान
02 से 05 फरवरी 202503 फरवरी 2025बसंत पंचमी का शाही स्नान
11 से 14 फरवरी 202512 फरवरी 2025माघ पूर्णिमा का शाही स्नान
25 से 28 फरवरी 202526 फरवरी 2025महाशिवरात्रि का शाही स्नान

प्रतिबंध क्यों लगाए जाएंगे?

  1. भारीभीड़कोनियंत्रितकरना
    • शाही स्नान के दिनों में लाखों श्रद्धालु रेलवे स्टेशनों पर आते हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष उपाय आवश्यक हैं।
  2. यात्रियोंकीसुरक्षासुनिश्चितकरना
    • स्टेशन परिसरों में भीड़भाड़ के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अव्यवस्था को रोकने के लिए यह कदम उठाया जाता है।
  3. आवागमनमेंसुगमता
    • प्लेटफॉर्म और ट्रेन संचालन को व्यवस्थित रखने के लिए यातायात प्रतिबंध लगाए जाते हैं।

यात्रियों के लिए सुझाव

  • अपनी यात्रा की योजना इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए बनाएं।
  • भीड़भाड़ वाले दिनों में समय पर स्टेशन पहुंचें और रेलवे के निर्देशों का पालन करें।
  • रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर 1800 4199 139 पर संपर्क कर अपडेट प्राप्त करें।

शाही स्नान के दौरान यह प्रतिबंध यात्रियों की सुरक्षा और कुंभ मेले के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए हैं। आपकी सहयोग औरसतर्कता इस भव्य आयोजन को सुरक्षित और स्मरणीय बनाने में सहायक होगी।

महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज रेलवे स्टेशनों पर यात्री प्रबंधन और प्रवेश/निकास व्यवस्थ

महाकुंभ मेले के दौरान भारी भीड़ और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, प्रयागराज के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट केलिए विशेष दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे। यह व्यवस्था कुंभ के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।


  1. प्रयागराजजंक्शनस्टेशन
    • एंट्री: सिविल लाइंस साइड से ही प्रवेश मिलेगा।
    • एग्जिट: यात्रियों को केवल सिविल लाइंस साइड से बाहर जाने की अनुमति होगी।
  2. प्रयागराजसिटीस्टेशन
    • एंट्री: स्टेशन रोड से प्रवेश मिलेगा।
    • एग्जिट: यात्रियों को केवल स्टेशन रोड साइड से बाहर जाने की अनुमति होगी।
  3. नैनीजंक्शनस्टेशन
    • एंट्री: केवल मालगोदाम साइड से यात्रियों को प्रवेश मिलेगा।
    • एग्जिट: यात्री केवल मालगोदाम साइड से ही बाहर जा सकते हैं।
  4. प्रयागराजछिवकीस्टेशन
    • एंट्री: प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग से जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से मिलेगी।
    • एग्जिट: स्टेशन से बाहर जाने के लिए केवल जी..सी नैनी रोड की ओर से अनुमति होगी।
  5. सुबरावगंजस्टेशन
    • एंट्री: झलवा (कौशांबी रोड) की ओर से प्रवेश मिलेगा।
    • एग्जिट: यात्री केवल जी.टी रोड साइड से बाहर जा सकते हैं।

महत्वपूर्ण निर्देश

  • स्टेशनों पर यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए यात्रियों को निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
  • अपने यात्रा समय और मार्ग की पहले से योजना बनाएं।
  • एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स के लिए लगाए गए साइनबोर्ड्स और रेलवे कर्मचारियों की सहायता लें।
  • कुंभ मेले के दौरान किसी भी असुविधा से बचने के लिए रेलवे हेल्पलाइन नंबर 1800 4199 139 पर संपर्क करें।

यात्रियों के लिए सुझाव

  • यात्रा के दौरान हल्का सामान लेकर चलें और निर्देशों का पालन करें।
  • भीड़भाड़ के समय स्टेशन पर जल्दी पहुंचें।
  • टिकट, आईडी प्रूफ और अन्य जरूरी दस्तावेज साथ रखें।

यह व्यवस्था कुंभ मेले में यात्रियों की सुरक्षा और सुगम यात्रा के लिए की गई है। आपका सहयोग इस भव्य आयोजन को सफल बनाने मेंसहायक होगा।

महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज और आसपास के स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट की विशेष व्यवस्थ

महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज के प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए एंट्री और एग्जिट के लिए विशेष दिशानिर्देशजारी किए गए हैं।

प्रयाग स्टेशन

  • एंट्री:
    • केवल चैथम लाइन (प्लेटफॉर्म नंबर 1) की ओर से प्रवेश मिलेगा।
  • एग्जिट:
    • केवल रामप्रयाग रोड (प्लेटफॉर्म नंबर 4) की ओर से बाहर जाने की अनुमति होगी।

फाफामऊ स्टेशन

  • एंट्री:
    • केवल प्लेटफॉर्म नंबर 4 की ओर से यात्रियों को प्रवेश मिलेगा।
  • एग्जिट:
    • यात्री केवल फाफामऊ बाजार की ओर से बाहर जा सकते हैं।

प्रयागराज रामबाग स्टेशन

  • एंट्री:
    • केवल हनुमान मंदिर चौक की ओर से प्रवेश मिलेगा।
  • एग्जिट:
    • यात्री केवल लाउदर रोड की ओर से बाहर जा सकते हैं।

विशेष:

  • रामबाग स्टेशन पर प्रतिबंधों का असर अन्य स्टेशनों की तुलना में कम होगा।
  • एंट्री और एग्जिट की सुविधा स्टेशन के दोनों ओर से उपलब्ध रहेगी।

प्रयागराज संगम स्टेशन

  • यह स्टेशन शाही स्नान के एक दिन पहले से लेकर दो दिन बाद तक पूरी तरह बंद रहेगा। यात्रियों को अन्य स्टेशनों का उपयोग करनाहोगा।

महत्वपूर्ण निर्देश:

  1. यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे के निर्देशों का पालन करें।
  2. अपनी यात्रा के समय और स्टेशन के एंट्री/एग्जिट पॉइंट की जानकारी पहले से सुनिश्चित करें।
  3. कुंभ के दौरान किसी भी अपडेट के लिए रेलवे हेल्पलाइन नंबर 1800 4199 139 का उपयोग करें।

यह व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा और सुचारू यात्रा सुनिश्चित करने के लिए की गई है। कुंभ के दौरान इस भव्य आयोजन को सफल औरस्मरणीय बनाने में आपका सहयोग महत्वपूर्ण है।