HAL Tejas: India’s Homegrown Fighter Jet Revolution – 2025 Breakdown | Hindi


HAL तेजस: भारत का स्वदेशी फाइटर जेट क्रांति – 2025 विश्लेषण

भारत का आकाश HAL तेजस के साथ एक क्रांति का साक्षी बन रहा है, जो देश का पहला स्वदेशी डिज़ाइन किया गया हल्का युद्धक विमान (LCA) है। आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक, तेजस एक 4.5-पीढ़ी का बहुउद्देशीय फाइटर जेट है, जो चपलता, उन्नत एवियोनिक्स और किफायती लागत का मिश्रण प्रस्तुत करता है। हवाई युद्ध से लेकर विमानवाहक पोत संचालन तक, यह तेजस्वी जेट—जिसका नाम “तेजस” (संस्कृत में “तेजस्वी”) है—भारत की रक्षा क्षमताओं को पुनर्परिभाषित कर रहा है। इस व्यापक 2025 विश्लेषण में, हम तेजस की तकनीक, इतिहास, संस्करणों और भारत की एयरोस्पेस महत्वाकांक्षाओं में इसकी भूमिका का पता लगाएंगे। हमारे विस्तृत YouTube वीडियो को देखें और गहन दृश्य अनुभव प्राप्त करें!


HAL तेजस, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित किया गया है, एक एकल-इंजन, डेल्टा-विंग फाइटर है, जो भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय नौसेना के लिए डिज़ाइन किया गया है। 2015 में सेवा में प्रवेश करने वाला यह जेट पुराने मिग-21 को प्रतिस्थापित करने के लिए बनाया गया है, जो हवाई वर्चस्व, जमीनी हमले और नौसैनिक संचालन जैसे बहुउद्देशीय कार्यों में सक्षम है। खाली वजन में मात्र 6.5 टन होने के कारण, इसका हल्का कम्पोजिट एयरफ्रेम और अर्ध-चोरी डिज़ाइन इसे JF-17 थंडर और साब ग्रिपेन जैसे वैश्विक हल्के फाइटर्स के खिलाफ चुस्त प्रतिस्पर्धी बनाता है।

तेजस भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिसमें 60% से अधिक स्वदेशी घटक शामिल हैं। इसकी बहुमुखी प्रतिभा और किफायती लागत इसे भारत की रक्षा रणनीति का आधार बनाती है।


तेजस कार्यक्रम 1984 में शुरू हुआ था ताकि IAF की हल्के, स्वदेशी फाइटर की आवश्यकता को पूरा किया जा सके। देरी और बजट से अधिक खर्च जैसी चुनौतियों के बावजूद, इसने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं:

  • 1984: LCA कार्यक्रम ADA के नेतृत्व में शुरू, HAL निर्माता के रूप में।
  • 2001: पहला तेजस प्रोटोटाइप (TD-1) उड़ान भरता है।
  • 2015: तेजस Mk1 को प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (IOC) मिलती है।
  • 2019: अंतिम परिचालन मंजूरी (FOC) से युद्धक भूमिकाएं सक्षम।
  • 2021: 83 Mk1A जेट्स के लिए अनुबंध, जिसमें उन्नत एवियोनिक्स।
  • 2025: Mk1A की डिलीवरी तेज, Mk2 प्रोटोटाइप पूरा होने के करीब।

2025 तक 50 से अधिक Mk1 एयरफ्रेम डिलीवर किए जा चुके हैं, जिसने आलोचकों को गलत साबित किया। तेजस की यात्रा भारत की एयरोस्पेस तकनीक में महारत हासिल करने की दृढ़ता को दर्शाती है।


तेजस एक कॉम्पैक्ट पावरहाउस है। नीचे तेजस Mk1/Mk1A और Mk2 के लिए अनुमानित विनिर्देश दिए गए हैं:

तेजस Mk1/Mk1A

  • लंबाई: 13.2 मीटर
  • विंगस्पैन: 8.2 मीटर
  • वजन: 6.5 टन (खाली), 13.5 टन (अधिकतम टेकऑफ)
  • इंजन: जनरल इलेक्ट्रिक F404-GE-IN20, 19,000 पाउंड थ्रस्ट
  • शीर्ष गति: मैक 1.6 (1,975 किमी/घंटा)
  • रेंज: 1,850 किमी (फेरी), 850 किमी (युद्ध)
  • छत: 50,000 फीट
  • पेलोड: 8 हार्डपॉइंट्स पर 5.3 टन
  • जी-लिमिट्स: +8/-3.5

तेजस Mk2 (अनुमानित)

  • लंबाई: 14.2 मीटर
  • वजन: 7.5 टन (खाली), 17.5 टन (अधिकतम)
  • इंजन: GE F414-INS6, 22,000 पाउंड थ्रस्ट
  • पेलोड: 6.5 टन
  • रेंज: 2,500 किमी
  • विशेषताएं: कैनार्ड विंग्स, उन्नत एवियोनिक्स

Mk1 का डेल्टा-विंग डिज़ाइन चपलता सुनिश्चित करता है, जबकि इसका 40% कार्बन-फाइबर एयरफ्रेम रडार हस्ताक्षर को कम करता है। Mk2, एक मध्यम-वजन फाइटर, अधिक शक्ति और रेंज का वादा करता है, जिसका प्रोटोटाइप अक्टूबर 2025 तक रोलआउट के लिए तैयार है।


तेजस की मारक क्षमता और एवियोनिक्स इसे एक शक्तिशाली बहुउद्देशीय फाइटर बनाते हैं:

हथियार

  • हवा-से-हवा: अस्त्र Mk1 (110 किमी), R-73 (40 किमी), डर्बी (50 किमी)
  • हवा-से-जमीन: AASM हैमर (70 किमी), HSLD बम, सुदर्शन LGBs
  • विरोधी-जहाज: ब्रह्मोस-NG (Mk2 के लिए नियोजित, 300 किमी)
  • बंदूक: 23मिमी GSh-23 तोप
  • रॉकेट: S-8, CRV7 पॉड्स

2024 में AASM हैमर का एकीकरण निकट हवाई समर्थन और SEAD मिशनों के लिए सटीकता को बढ़ाता है।

एवियोनिक्स

  • रडार: ELTA ELM-2052 AESA (Mk1A, 150 किमी, 64 लक्ष्यों को ट्रैक करता है)
  • सेंसर: LITENING पॉड, स्वदेशी EW सूट
  • कॉकपिट: HUD के साथ ग्लास कॉकपिट, मल्टीफंक्शन डिस्प्ले
  • Mk2 अपग्रेड्स: उत्तम AESA रडार, IRST, उन्नत डेटालिंक्स

ELM-2052 रडार स्थिति जागरूकता को बढ़ाता है, जबकि Mk2 का स्वदेशी उत्तम रडार विदेशी निर्भरता को कम करेगा।


तेजस कई भूमिकाओं में उत्कृष्ट है:

  1. हवाई वर्चस्व: अस्त्र और R-73 मिसाइलों के साथ दुश्मन फाइटर्स से मुकाबला।
  2. जमीनी हमला: AASM और HSLD बमों के साथ सटीक हमले।
  3. नौसैनिक संचालन: 2024 में INS विक्रांत पर लैंडिंग के साथ विमानवाहक क्षमता सिद्ध।
  4. टोही: LITENING पॉड के साथ ISR मिशन।
  5. प्रशिक्षण: IAF स्क्वाड्रनों के लिए दो-सीट प्रशिक्षक।

तेजस ने रेड फ्लैग जैसे अभ्यासों और चीन के साथ LAC पर गश्त में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जो पाकिस्तान के JF-17 जैसे खतरों का मुकाबला करता है।


तेजस परिवार में तीन प्रमुख संस्करण शामिल हैं:

  1. तेजस Mk1:
    • स्थिति: 40 डिलीवर, IAF के नंबर 45 और 18 स्क्वाड्रनों में तैनात।
    • भूमिका: पुराने MMR रडार द्वारा सीमित बुनियादी बहुउद्देशीय।
  2. तेजस Mk1A:
    • स्थिति: 83 ऑर्डर, 2024 में डिलीवरी शुरू, 2025 तक 30 जेट/वर्ष का लक्ष्य।
    • अपग्रेड्स: ELM-2052 AESA रडार, AASM एकीकरण, EW सूट।
    • लागत: ~45 मिलियन USD/इकाई।
  3. तेजस Mk2:
    • स्थिति: प्रोटोटाइप 60% पूर्ण, अक्टूबर 2025 तक रोलआउट।
    • विशेषताएं: GE F414 इंजन, कैनार्ड्स, 6.5-टन पेलोड।
    • समयरेखा: 2026 में पहली उड़ान, 2029 तक उत्पादन।

Mk1A युद्ध-तैयार है, जबकि Mk2 का लक्ष्य ग्रिपेन E जैसे उन्नत फाइटर्स से मुकाबला करना है।


2025 में तेजस नई ऊंचाइयों को छू रहा है:

  • Mk1A डिलीवरी: HAL का लक्ष्य 30 जेट/वर्ष, 99 GE F404 इंजनों द्वारा समर्थित।
  • Mk2 प्रगति: प्रोटोटाइप असेंबली 60% पूर्ण, अक्टूबर 2025 तक रोलआउट।
  • हथियार एकीकरण: AASM हैमर प्रमाणित, ब्रह्मोस-NG परीक्षण नियोजित।
  • नौसैनिक तेजस: INS विक्रांत पर सफल परीक्षणों से नौसेना का विश्वास बढ़ा।
  • निर्यात संभावना: अर्जेंटीना, मिस्र और फिलीपींस से रुचि।

स्टैंड-ऑफ हथियारों और सॉफ्टवेयर-डिफाइंड रेडियो (SDRs) का तेजी से एकीकरण परिचालन तत्परता को बढ़ाता है।


तेजस कार्यक्रम को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा:

  • देरी: 30+ वर्षों की देरी, 2024 तक केवल 50 एयरफ्रेम।
  • IAF/नौसेना आलोचना: शुरुआती चिंताएं शक्ति (IAF) और वजन (नौसेना) को लेकर।
  • लागत वृद्धि: विकास लागत ~2 बिलियन USD, Mk1A की अपेक्षा से अधिक कीमत।
  • सीमाएं: 850 किमी युद्ध रेडियस, 5.3-टन पेलोड, और GE इंजनों पर निर्भरता।
  • उत्पादन दर: HAL का 16–20 जेट/वर्ष IAF के 42-स्क्वाड्रन लक्ष्य से कम।

इनके बावजूद, तेजस का युद्ध प्रदर्शन और अपग्रेड आलोचकों को चुप कर रहे हैं।


तेजस Mk1A की तुलना प्रतिद्वंद्वियों से कैसे होती है?

विशेषतातेजस Mk1AJF-17 थंडरग्रिपेन EF-16 ब्लॉक 70
पीढ़ी4.544.54.5
शीर्ष गतिमैक 1.6मैक 1.6मैक 2.0मैक 2.0
पेलोड5.3 टन4.6 टन6.0 टन7.7 टन
रेंज1,850 किमी2,000 किमी4,000 किमी4,220 किमी
रडारELM-2052 AESAKLJ-7A AESAरेवेन ES-05APG-83 AESA
लागत45M USD30M USD85M USD60M USD

तेजस JF-17 के साथ चपलता और एवियोनिक्स में बराबरी करता है, लेकिन रेंज में पीछे है। इसकी किफायती लागत और स्वदेशी हथियार जैसे अस्त्र भारत के संदर्भ में इसे बढ़त देते हैं, हालांकि यह ग्रिपेन E और F-16 से पेलोड और रेंज में पीछे है।


तेजस भारत की एयरोस्पेस प्रभुत्व की ओर एक कदम है:

  • Mk2 तैनाती: 2029 तक उत्पादन, मिराज 2000 को प्रतिस्थापित करेगा।
  • AMCA कार्यक्रम: तेजस की तकनीक भारत के 5वीं-पीढ़ी स्टील्थ जेट को ईंधन देती है, 2028 तक प्रोटोटाइप।
  • स्वदेशीकरण: उत्तम रडार और कावेरी इंजन पूर्ण आत्मनिर्भरता के लिए।
  • निर्यात: JF-17 से मुकाबले के लिए वैश्विक दक्षिण बाजारों को लक्ष्य।

तेजस एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए आधार तैयार करता है और भारत को रक्षा महाशक्ति के रूप में स्थापित करता है।


HAL तेजस केवल एक फाइटर जेट नहीं है—यह भारत की एयरोस्पेस स्वतंत्रता का टिकट है। इसके डेल्टा विंग्स, अस्त्र मिसाइलें और 2025 की उपलब्धियां—Mk1A डिलीवरी, Mk2 प्रोटोटाइप, और नौसैनिक परीक्षण—भारत की प्रगति को दर्शाते हैं। चुनौतियों के बावजूद, तेजस आत्मनिर्भर भारत की भावना को मूर्त रूप देता है। चाहे आप रक्षा उत्साही हों या गर्वित भारतीय, तेजस की कहानी दृढ़ता और महत्वाकांक्षा की है।

तकनीकी और दृश्य गहराई के लिए, हमारे YouTube वीडियो को देखें, जिसमें तेजस की उपलब्धियों का विस्तार है। अपने विचार साझा करें: तेजस की कौन सी विशेषता आपको सबसे अधिक उत्साहित करती है? हवाई युद्ध, विमानवाहक संचालन, या भारत के भविष्य में इसकी भूमिका? नीचे चर्चा में शामिल हों!

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